सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। यह महीना भगवान विष्णु और मां तुलसी को समर्पित माना गया है। इस दौरान तुलसी माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं, और इसके अगले दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है। इस महीने में धनतेरस का पर्व (Dhanteras 2024 Date) मनाया जाता है।

धनतेरस का धार्मिक महत्व

धनतेरस का पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इसे धनत्रयोदशी भी कहते हैं। जैन धर्म के अनुयायी भी इस दिन का महत्व मानते हैं। इस दिन बर्तन, आभूषण, और वाहन खरीदने की परंपरा है। इस वर्ष धनतेरस की तिथि को लेकर थोड़ी असमंजस है; कुछ लोग 29 अक्टूबर को तो कुछ 30 अक्टूबर को धनतेरस मना रहे हैं।

धनतेरस की तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से प्रारंभ होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 01:15 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में तिथि की गणना सूर्योदय से की जाती है। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त संध्याकाल 06:31 बजे से 08:13 बजे तक है, जिसमें भगवान धन्वन्तरि की पूजा की जाती है।

धनतेरस शुभ योग और संयोग

धनतेरस के दिन विशेष शुभ योगों का निर्माण होता है। इस दिन इंद्र योग, त्रिपुष्कर योग और अभिजीत मुहूर्त योग बनता है। इस दिन शिववास योग सुबह 10:31 बजे तक रहेगा और उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र का संयोग बनेगा। इन योगों में भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से सुख, सौभाग्य, और धन-समृद्धि में वृद्धि होती है।

पूजा का समय और पंचांग की जानकारी

  • सूर्योदय: सुबह 06:31 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 05:38 बजे
  • चंद्रोदय: सुबह 04:27 बजे
  • चंद्रास्त: दोपहर 03:57 बजे
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:48 बजे से 05:40 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 01:56 बजे से 02:40 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:38 बजे से 06:04 बजे तक

धनतेरस के दिन घर से कौन-सी चीजें बाहर निकालनी चाहिए?

धनतेरस के दिन घर की सुख-समृद्धि के लिए कुछ विशेष वस्त्र और पुराने सामान घर से बाहर निकालने का विधान है:

  1. पुरानी झाड़ू – धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदने का विधान है, और पुरानी झाड़ू को पहले ही बाहर कर देना चाहिए ताकि पारिवारिक शांति बनी रहे।
  2. टूटे बर्तन – घर में टूटे-फूटे बर्तन नहीं रखने चाहिए क्योंकि इससे मां लक्ष्मी अप्रसन्न होती हैं। ऐसे बर्तन धनतेरस से पहले घर से निकाल देना चाहिए।
  3. खराब वस्त्र – कटे-फटे या पुराने वस्त्र घर में दरिद्रता का कारण बन सकते हैं, इसलिए इन वस्त्रों को भी धनतेरस से पहले घर से बाहर करना चाहिए।

इस लेख में दी गई जानकारी से आप धनतेरस की पूजा विधि और इससे जुड़े ज्योतिषीय तर्क को समझ सकते हैं।

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