नाग पंचमी का हिंदू त्योहार, जिसे नागुला पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जो सामान्यतः जुलाई या अगस्त के महीने में आता है। इस प्राचीन त्योहार के दौरान, हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित पवित्र नागों की पूजा की जाती है, जिन्हें दैवीय शक्तियों से संपन्न माना जाता है।
इस पवित्र दिन पर भक्त नागों की पूजा करते हैं और उन्हें पवित्र वस्तुएं अर्पित करके उनसे सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करने की आशा करते हैं। यह उत्सव सांपों के पौराणिक महत्व और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में उनकी भूमिका को दर्शाता है। सांपों का सम्मान करके, भक्त उनके पारिस्थितिक योगदान के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और प्राकृतिक जगत के साथ शांति स्थापित करने का प्रयास करते हैं।
नाग पंचमी 2024: तिथि और समय
इस साल नाग पंचमी 9 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। पंचमी तिथि 10 अगस्त 2024 को सुबह 12:36 बजे शुरू होगी और 03:13 बजे समाप्त होगी। पंचमी पूजा का आदर्श समय 9 अगस्त 2024 को सुबह 05:47 बजे से शुरू होकर 2 घंटे 40 मिनट तक रहेगा। इस विशेष आध्यात्मिक लाभ का अनुभव करने के लिए, भक्तों को इस शुभ अवधि के दौरान अपने अनुष्ठान करने का आग्रह किया जाता है। गुजरात में यह त्योहार अलग दिन नाग पंचम के रूप में 24 अगस्त 2024 को शनिवार को मनाया जाएगा, लेकिन रीति-रिवाज और परंपराएं समान रहती हैं।
नाग पंचमी का महत्व
नाग पंचमी के दौरान नाग पूजा की परंपरा पौराणिक कथाओं और प्राचीन मान्यताओं में निहित है। हिंदू धर्म में सांपों को शक्तिशाली और दिव्य प्राणी माना जाता है, जो भगवान शिव और भगवान विष्णु जैसे देवताओं से गहराई से जुड़े हुए हैं। माना जाता है कि वे बुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं और सौभाग्य लाते हैं।
इसके अलावा, नाग पंचमी को प्रकृति और उसके जीवों के प्रति सम्मान और आदर के रूप में भी देखा जाता है। यह प्रत्येक जीव के आपसी संबंध और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के महत्व का प्रतीक है। इस दिन बारह नाग देवताओं की पूजा की जाती है, जिनमें पद्म, कंबला, कर्कोटक, अनंत, वासुकी, शेष, अश्वतारा, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालिया, तक्षक और पिंगला शामिल हैं। इन सभी देवताओं का हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान है और वे अपनी विशिष्ट विशेषताओं के लिए पूजनीय हैं।
नाग पंचमी: अनुष्ठान और परंपराएं
नाग पंचमी नागों या सर्प देवताओं की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन इन देवताओं का सम्मान विभिन्न अनुष्ठानों के माध्यम से किया जाता है, जिन्हें सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रमुख प्रथाओं में से एक है सांप की मूर्तियों या चित्रों पर दूध, मिठाई और फूल चढ़ाना, जो आमतौर पर चांदी, पत्थर या लकड़ी से बने होते हैं।
कई क्षेत्रों में, जीवित सांपों की भी पूजा की जाती है और उन्हें दूध पिलाया जाता है। पूजा के दौरान, भक्त विशेष मंत्रों का उच्चारण भी करते हैं। नाग पंचमी पूजा मंत्र का विशेष महत्व है, क्योंकि इसके माध्यम से नाग देवताओं से आशीर्वाद और सुरक्षा की प्रार्थना की जाती है। इस दिन किए गए अनुष्ठान मंत्रों और उनके अर्थ के बिना अधूरे माने जाते हैं।