शारदीय नवरात्रे प्रारंभ होने वाले हैं.15 तारीख से 23 तारीख तक हर दिन मां शक्ति के विभिन्न रूपों की पूजा होगी. नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे रूप देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा क्यों होती है.और इनकी पूजा की विधि क्या है. साथ ही इस दिन कौनसे रंग के वस्त्र पहनने चाहिए जिससे मां ब्रह्मचारिणी प्रसन्न हो जाए.
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की उपासना की जाती है. इनको ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इनको ब्रह्मचारिणी कहा गया है. विद्यार्थी और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है.
नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा विधि
- नवरात्रि के दूसरे दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद मांं ब्रह्मचारिणी की फोटो को चौकी में रखकर गंगाजल छिड़ककर स्नान कराएं
- और उसके बाद देवी को वस्त्र, पुष्प, फल, आदि अर्पित करें. देवी की पूजा में आज विशेष रूप से सिन्दूर और लाल पुष्प जरूर अर्पित करें.
- मान्यता है कि नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में केसर की खीर, हलवा या फिर चीनी का भोग लगाने पर शीघ्र ही देवी कृपा प्राप्त होती है और साधक को सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं.
माँ ब्रह्मचारिणी का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:..
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा..
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नम.